मधुरम समय
हसीन वादियों में स्थित है कलाथ की गुफा
मधुरम समय, देहरादून। पौराणिक आस्था की प्रतीक कलाथ गुफा प्रकृति की हसीन वादियों स्थित है। यह गुफा उस स्थान पर है जहां आध्यात्मिक शान्ति के साथ-साथ प्रकृति के खूब सूरत नजारों के दर्शन होेते हैं। कलाथ गुफा उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लाक में स्थित है। इस गुफा का विकास न होने से यह पौराणिक धरोहर केवल उसी गांव तक सीमित रह गयी है। यह पौराणिक जगह सड़क मार्ग से 14 किलोमीटर पर स्थित हैै। कलाथ गांव तमसा 'टौंस' नदी के किनारे पर स्थित है। इस गांव का वर्णन भागवत पुराण में भी आता है। यहां मनु महाराज अदृश्य होकर तपस्या आज भी कर रहे हैं। इस गांव के पूर्वजों की जाति 'राणा' है। ऐसा कहा जाता है ये लोग 10वीं सदी में राजस्थान आदि जगह से यहां आकर बसे थे। इस गुफा को ऋषियों की गुफा कहा जाता है। यह गुफा 150वर्ग फुट की है, गुफा में जाने के लिए संकरा राजमार्ग है। इस गुफा मंे प्रवेश करने से पहले झरने से होकर जाना पड़ता है यह झरना ऐसे पड रहा है कि जो भी व्यक्ति इस गुफा में जायेगा वह भीगता जरूर है। चाहे वह किसी भी तरह से भीगने से बचने की कोशिश करेगा। ऐसा कहा जाता है कि इस पौराणिक गुफा में प्रवेश करने से पहले पापों को धोना आवश्यक है। जो कि यह प्राकृतिक झरना करता है। इस गांव के लोग कर्ण महाराज को अपना ईष्ट देवता मानते हैं। जिसका भव्य मन्दिर गांव में स्थित है।
प्रार्थना करने वाले हाथ से कर्म का हाथ श्रेष्ठ है।
'कठोपनिषद'