सच्चे सुख की राह

मधुरम समय
सच्चे सुख की राह



मधुरम समय, देहरादून। सुख प्राप्ति की चाहत हर मनुष्य को होती है। सच्चा सुख किससे है। उसे हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं। यह जानना होगा, स्थाई सुख की प्राप्ति भटकने से नहीं होती है। सुख तब मिलता है जब हम अपने जीवन की ईश्वर प्रदत शक्तियों का सदुपयोग करना सीख जाते हैं। बिना कर्म किये, बिना पुरूषार्थ किये कोई सिद्ध नही मिलती। जीवन में अपमान, हानि, रोग मृत्यु आदि भय भी मनुष्य को सुखी नहीं होने देता, निराशा के स्थान पर उत्साह जगाना चाहिए। जीवन के प्रति आस्था उत्साह व परमात्मा मंे विश्वास मनुष्य को सदा सुखी बनाते हैं। घृणा, क्रोध,चिन्ता आदि मनुष्य को दुखी बनाते हैं। जीवन को सुखी बनाने के लिए चरित्र का बड़ा महत्व है। सच्चा चरित्र मानवता का प्रतीक है। चरित्र पर दृढ़ रहने से मनोबल बढ़ता है।