मधुरम समय
व्यक्ति समाज एवं राष्ट्र एक दूसरे पूरक
मधुरम समय,देहरादून। व्यक्ति समाज एंव राष्ट्र एक दूसरे पूरक होते हैं। व्यक्ति समाज एवं राष्ट्र की प्रथम तथा महत्वपूर्ण इलाके हैं। व्यक्ति मात्र से ही किसी भी समाज एवं राष्ट्र की पहचान नहीं होती है, इस प्रकार व्यक्ति ही उस नींव का पत्थर है,जिस पर राष्ट्ररूपी बहुमंजिला भवन टिका होता है। यदि नींव कमजोर होगी तो उस पर टिका होता है। यदि नींव कमजोर होगी तो उस टिका हुआ भवन चाहे कितना भी सुन्दर हो और आकर्षक हो, ढ़ह भी जायेगा। अतः किसी भी राष्ट्ररूपी भवन का विकास उसकी नींव तथा नागरिकों पर निर्भर करता है। नींव जितनी गहरी और मजबूत होगी, भवन उतनी ही दृढ़ता से स्थापित रहेगा। राष्ट्र की नींव नागरिकों को मजबूत बनाती है। उनकी शिक्षा यदि व्यक्ति साक्षर है तो स्वतः ही शिक्षा ग्रहण करने लगता है। इस प्रकार हर एक साक्षर नागरिक राष्ट्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैे। अतः हमें चाहिए ''मैं नहीं मेरा देश'' की भावना से कार्य करें।