समय का महत्व

समय का महत्व
मधुरम समय, देहरादून।नैपोलियन बोनापार्ट ने अपने सेनापति को अपने घर पर भोजन के लिए बुलाया।लेकिन सेनापति समय पर नही पहुंच पाये। नेपोलियन समय के पाबन्द थे। सेनापति के न आने की परवाह किये बिना ही वे ठीक समय पर भोजन करने बैठ गये। कुछ समय बाद जब नेपोलियन अपना भोजन लगभग समाप्त कर चुके थे। तभी सेनापति पहुंचा। परन्तु नैपोलियन पर उसके आने का कोई असर ही न हुआ। उन्होेंने मेज से उठकर अपने हाथ-मंुह धोये और फिर कहा।‘भोजन का समय तो समाप्त हो चुका है। अब हम कुछ काम शुरू करते हैं।’ उस दिन सेनापति को भुखे पेट ही काम करना पड़ा।
‘समय श्रेष्ठ है सबन से, इसकी अमूल्य पहचान। व्यर्थ न इसको खोबते, जो नर चतुर सुजान।
रिपोर्ट- अनूप रतूड़ी