सबसे बड़ा धन
मधुरम समय, देहरादून। एक किसान जब मरने लगा, तब उसने अपने लड़कों को खेती के काम में सफल होने के उपाय बताने के लिए अपने पास बुलाया। उसने कहा बेटा मैं तो मरने वाला हूं। पर अपना सारा धन तुम लोगों के लिए अंगूर के खेत में दबा दिया है। यह कहकर बुढ़ा किसान मर गया। कुछ दिनों के बाद लडकों ने सोचा कि पिताजी अपने धन के विषय में अंगूर के खेत में दबाने की बात कह गये थे। उस धन को निकाला जाये तथा आपस में बांटा जाये। यह सोच कर किसान के लड़के फावड़ा लेकर खेत में खुदाई करते हैं उन्होंने कमर-कमर तक सारा खेत खोद डाला पर धन का पता नही लगा। उन्हें गढ़ा हुआ धन तो नही मिला। किन्तु खेत के खूब अच्छी तरह से खोदे जाने और मिट्टी के उलट-पलट हो जाने से उस साल अंगूर की फसल बहुत अच्छी हुई। अंगूर बेचकर किसान के लड़कों ने बहुत सारा धन कमाया। उन्होंने अपनी मेहनत इसी से सफल समझी।
‘परिश्रम ही सबसे बड़ा धन है। जो मनुष्य परिश्रम से जी चुराता है, उसे स्वप्न में भी धन प्राप्त नहीं हो सकता।’
रिपोर्ट-अनूप रतूड़ी